केरल के कोझीकोड में निपाह वायरस से 12 साल के बच्चे की मौत, केंद्र ने भेजी टीम
केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की एक टीम भेजी है जो रविवार को वहां पहुंचेगी।निपाह वायरस चमगादड़ों की लार से फैलता है। केरल के कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में 2018 में भी निपाह वायरस का प्रकोप देखा गया था।

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि कोझीकोड जिले में निपाह वायरस के संक्रमण से 12 वर्षीय एक बच्चे की मौत के बाद केंद्र से एक टीम को केरल भेजा गया है। बच्चे के नमूने पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजी को भेजे गए थे, जिसमें निपाह वायरस की उपस्थिति की पुष्टि की गई।
केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की एक टीम भेजी है, जो रविवार को वहां पहुंचेगी। मंत्रालय ने कहा कि टीम राज्य को तकनीकी सहायता मुहैया कराएगी।
केंद्र द्वारा कुछ तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि इसमें संदिग्ध को आइसोलेशन में रखना और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए नमूनों का संग्रह शामिल है। निपाह वायरस चमगादड़ों की लार से फैलता है। केरल के कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में 2018 में भी निपाह वायरस का प्रकोप देखा गया था।
दक्षिण भारत में निपाह वायरस रोग (एनआइवी) का प्रकोप केरल के कोझीकोड जिले में 19 मई, 2018 को दर्ज किया गया था। राज्य में एक जून, 2018 तक 17 मौतें और 18 पुष्ट मामले देखे गए थे।
कैसे फैलता है ये वायरस
यह वायरस संक्रमित चमगादड़ों और सूअर के संपर्क में आने से फैलता है। मलेशिया में यह सूअर से फैला था वहीं, सिंगापुर में इसका मामला सामने आने की वजह चमगादड़ थी। भारत और बांग्लादेश में भी इसकी यही वजह रही है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से इस वायरस का विस्तार होता है। यदि इससे संक्रमित चमगादड़ किसी भी फल को खाता है तो ये वारयस उस फल के द्वारा इंसानों तक पहुंच जाता है।
निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश होना और उल्टी होना, चक्कर आना, एटिपिकल निमोनिया होता है। इसका इलाज अभी तक नहीं मिल सका है इसलिए सावधानी बरतना ही एकमात्र इलाज है। इसके लिए फलों को हमेशा धोकर खाएं, चमगादड़ों और सूअर के संपर्क में आने से बचें। फेस पर मास्क हमेशा लगाएं ताकि संक्रमित व्यक्ति से बच सकें और बार-बार हाथ धोएं या फिर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। अगर इसका कोई भी लक्षण महसूस होता है तो एहतियात बरतें और तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।

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